श्वेता अग्रवाल, पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर जमालपुर की रहने वाली, आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका संघर्ष और दृढ़ संकल्प यह साबित करता है कि यदि व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो, तो कोई भी बाधा उसे सफलता प्राप्त करने से नहीं रोक सकती।

बचपन और प्रारंभिक जीवन

श्वेता का जन्म एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता एक दुकानदार थे, और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत सुदृढ़ नहीं थी। इसके बावजूद, श्वेता ने कभी अपनी परिस्थितियों को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। पढ़ाई में उनकी गहरी रुचि थी, और वे हमेशा कक्षा में अव्वल रहती थीं।

यूपीएससी की यात्रा की शुरुआत

श्वेता ने ग्रेजुएशन के बाद आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा। लेकिन यह यात्रा आसान नहीं थी। उन्हें न केवल आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, बल्कि समाज से भी कई बार यह सुनने को मिला कि इतनी कठिन परीक्षा में सफलता पाना नामुमकिन है।

पहले दो प्रयासों में असफल होने के बावजूद, श्वेता ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गलतियों से सीख ली और अपनी तैयारी को और सटीक बनाया।

कठिन परिश्रम और दृढ़ता

श्वेता ने अपनी तैयारी के दौरान खुद को अनुशासित रखा। रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई, नियमित नोट्स बनाना, मॉक टेस्ट देना और अपने कमजोर विषयों पर काम करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया। उनकी प्रेरणा का स्रोत उनके माता-पिता थे, जिन्होंने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया।

सफलता का क्षण

तीसरे प्रयास में, 2017 में, श्वेता ने अखिल भारतीय स्तर पर 19वीं रैंक हासिल की। यह उनके और उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण था। उनकी सफलता यह दिखाती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, दृढ़ निश्चय और मेहनत के दम पर बड़े से बड़े सपने साकार किए जा सकते हैं।

संदेश युवा पीढ़ी के लिए

श्वेता का मानना है कि सफलता के लिए दो चीजें सबसे महत्वपूर्ण हैं – सकारात्मक दृष्टिकोण और निरंतर प्रयास। उनका कहना है,
“आपकी परिस्थिति कैसी भी हो, अगर आपमें कुछ कर दिखाने का जज्बा है, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती।”

आज की स्थिति

आज, श्वेता अग्रवाल एक सफल आईएएस अधिकारी के रूप में देश की सेवा कर रही हैं। उनकी कहानी उन लाखों युवाओं को प्रेरित करती है, जो यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को लेकर आशंकित रहते हैं।

श्वेता अग्रवाल का जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर हम अपनी मेहनत और समर्पण के साथ आगे बढ़ें, तो सफलता निश्चित है।